Saturday, September 6, 2014

दुनिया बहोत बदल गई है

पहले व्यक्तित्व देख संबंध रखते थे
अब संपत्ति को देखी जाती है
दुनिया बदल गई है, वाकई दुनिया बदल गई है

लंबे पत्र की जगह एसएमएस,
फेसबुक और वॉट्सएप में
दुनिया सीमट गई है
वाकई दुनिया बदल गई है

ताउ, चाचा, मामा, फुफा, मौसा से
अब सिर्फ भाई बहन तक रिश्ते
फेमिली अब छोटी हो गई है
वाकई दुनिया बदल गई है

धोती, साडी, सलवार से ड्रेस अब
केप्री, स्कर्ट और बर्मुडे में
सीमित हो गई है
वाकई दुनिया बदल गई है

पहले मुसाफरी को दिनमहिने लगते
अब मिनटो घंटो की बात है लेकिन
मन की दूरी बढ गई है
वाकई दुनिया बदल गई है

नमस्ते से हाय-हेल्लो, पाई लागु से हेन्ड शॅक
हग- फ्लाइंग किस आम बात सी हो गई है
भाई दुनिया बदल गई है

बच्चे अब जलदी बडे होने लगे
सब कुछ समजने-करने लगे
इनकी मासूमियत खो गई है
क्यों दुनिया बदल गई है

अच्छी, सच्ची बात नहीं करना
युवा को बहकाना भटकाना
कलम-कलाकारो की मजबूरी हो गई है
कैसी दुनिया बदल गई है

संस्कार बाबुजी के ट्विटर पे
जोक बन गये है
दादा दादी की सिख मामूली हो गई है
वाकई दुनिया बदल गई है

जलदी है सब को घर जाने की
भागमभाग हो रही है
ट्राफिक जाम, हॉर्न के शोरगुल में
जिंदगी खतम हो रही है
भैया दुनिया बदल गई है

गेट वॅल सून, RIP और :-) (स्माइली) से काम चलता है
संवेदनायें सिकुड गई है
वाकई दुनिया बदल गई है

रात को खाओ पीओ, दिन को आराम करो
हम को क्या, हमारा क्या
इस मंत्र से भीड दौड रही है
देखो दुनिया बदल गई है

मौत के वक्त भी शांति नहीं
मिलना जुलना, बिझनेस की बातें,
लाउड रिंगटोन बज रही है
दुनिया बदल गई है

दुनिया के रंगरूप से चिंतित
लोगों कि चिंता व्यर्थ
उलटा जगहंसाई हो रही है
दुनिया बदल गई है